Tuesday, June 28, 2011

परिवेश

परिवेश
एक परिवेश सबके के लिए अच्छा हो ऐसा आवश्यक नहीं है
भिन्न मानसिकताएं और भिन्न विचार परिवेश को भिन्न भिन्न तरीके
  से देखेंगी
महत्वपूर्ण वह है
,परिवेश ,आपके अनुकूल नहीं होने पर बिना संयम खोये ,
सब्र के साथ उसको सहना और बिना थके
  बदलने का प्रयत्न करना आवश्यक है ,
२८-०६-२०११
डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर" 

2 comments:

  1. sabr wo taakat hai jisse kuch bhi badalna mumkin ho sakta hai..
    bahut badiya likha aapne.......
    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : Blind Devotion - सम्पूर्ण प्रेम...(Complete Love)

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