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Tuesday, January 17, 2012
निरंतर कह रहा .......: चेहरों पर कभी ना रीझना
निरंतर कह रहा .......: चेहरों पर कभी ना रीझना: चेहरा कभी सच नहीं बताता भेड़ की खाल में भेड़िया छुपा होता चेहरों पर कभी ना रीझना कौन चोर कौन साहूकार पता नहीं चलता निरंतर विश्वास में ही ...
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