Showing posts with label खीज. Show all posts
Showing posts with label खीज. Show all posts

Sunday, July 17, 2011

दुखी


वो सबसे दुखी जो

निरंतर समझता

खुद को दुखी

जो खुदा ने दिया

उस से तृप्ति  नहीं होती

जुबान से सदा खीज

प्रकट होती

संतुष्टि उस से कोसों

दूर रहती

ज़िन्दगी रोते रोते

कटती

17-07-2011
1198-78-07-11