Sunday, February 26, 2012

निरंतर कह रहा .......: कितना पवित्र सकता है,मन का रिश्ता

निरंतर कह रहा .......: कितना पवित्र सकता है,मन का रिश्ता: मेरे ह्रदय में कोई और है तुम्हारे ह्रदय में कोई और मेरे तुम्हारे बीच केवल मन का रिश्ता है कोई बंधन नहीं फिर भी एक अटूट करार है तुम करोगी ...

निरंतर कह रहा .......: बदलता सोच

निरंतर कह रहा .......: बदलता सोच: सर्द पानी गर्मी में शरीर को राहत देता सर्दी में हड्डियां कंपकंपाता इंसान मौसम के अनुसार काम में लेता इंसान भी पसंद नापसंद बदलता रहता जो कल...

Saturday, February 25, 2012

निरंतर कह रहा .......: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ?

निरंतर कह रहा .......: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ?: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ? जो कली फूल बन कर ना खिले उसे कौन चाहता ? जो फूल रूप से नहीं लुभाए वो किसे अच्छा ल...

निरंतर कह रहा .......: जब जहर पीते रहना है,घुट घुट कर जीना है

निरंतर कह रहा .......: जब जहर पीते रहना है,घुट घुट कर जीना है: जब जहर पीते रहना है घुट घुट कर जीना है कुछ करूंगा तो भी तोहमत लगेगी ना करूंगा तो भी तोहमत लगेगी हर बार गुनाहगार कहलाऊंगा खुद को ...

Friday, February 24, 2012

निरंतर कह रहा .......: छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन

निरंतर कह रहा .......: छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन: सूरज की तरह अस्त हो जाओगे एक दिन तुम उतर जाओगे शिखर से धरती पर तुम छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन क्यूं फिर इतना घमंड रखते हो बैर से ...

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13: उम्मीद लोगों से उम्मीद नहीं करता हूँ नफरत का सामान इकट्ठा करने का शौक नहीं रखता हूँ ************* खुशी की चाह खुशी की चाह रखने से पहले खुश...

निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?

निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?: प्रभु कैसा ये न्याय तुम्हारा जो इतना सताते हो कब चैन दोगे मुझको ? क्या और करूँ ? तुम्हारी कृपा पाने को प्रयत्न बहुत किया सफलता फिर भी ना...

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -14

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -14: मध्यस्थ परमात्मा और इंसान के बीच पंडित मौलवी क्या उसे वाकई ज़रुरत किसी मध्यस्थ की मज़ाक लोग मज़ाक करना पसंद करते सह नहीं सकते मंजिल तक पह...

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -15

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -15: रोना हो रोना हो इंतज़ार करना हो ख्वाब देखना हो जागना हो परेशाँ रहना हो मोहब्बत कर लो इश्वर इश्वर संतुष्ट होता तो स्रष्टि की रचना नहीं करता...

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16: जीना सोचता रहता हूँ जो मन कहता लिखता रहता हूँ निरंतर इसी तरह जीता जाता हूँ फर्क नींद खुल गयी सपना टूट गया क्या फर्क पडा वैसे भी टू...

Thursday, February 23, 2012

निरंतर कह रहा .......: चैन की मरीचिका

निरंतर कह रहा .......: चैन की मरीचिका: चैन अब मरीचिका समान हो गया है सामने दिखने लगता है आशा में दौड़ने लगता हूँ मिलने से पहले ही कोई व्यवधान बीच में आ जाता है चैन आँखों से ओझल...

निरंतर कह रहा .......: समझ नहीं आता क्या करूँ?

निरंतर कह रहा .......: समझ नहीं आता क्या करूँ?: समझ नहीं आता क्या करूँ ? कैसे मन की बात कहूं ? क्या लोक लाज को छोड़ दूं ? सीमाओं को तोड़ दूं शहर में उसे आम करूँ खुद की हँसी उड्वाऊँ या ...

Tuesday, February 21, 2012

Nirantar's.......: Do not kill your conscience

Nirantar's.......: Do not kill your conscience: What makes you think? Everybody should like you The greatest of the greats Were hated by some one They kept on Pursuing there good work Ac...

Monday, February 20, 2012

निरंतर कह रहा .......: क्या होगा ?कब होगा? कैसे होगा ?

निरंतर कह रहा .......: क्या होगा ?कब होगा? कैसे होगा ?: क्या होगा ? कब होगा ? कैसे होगा ? के चक्कर में अपने आज का सत्यानाश करते हैं हम हँसने की जगह रोते हैं हम हम कितनों को याद करते हैं जो कोई ...

Sunday, February 19, 2012

निरंतर कह रहा .......: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा

निरंतर कह रहा .......: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा भागेगा ह्रदय उधर ही जहां प्यार मिलेगा याद उसी की आयेगी जो हँस कर बोलेगा चाहेगा उसी को जो सुनेगा उसकी व्य...

निरंतर कह रहा .......: जो भी मन चाहता था उसे मिल गया था

निरंतर कह रहा .......: जो भी मन चाहता था उसे मिल गया था: बूढा शरीर अस्वस्थ पीड़ा से त्रस्त दर्द के मारे बैठा नहीं जा रहा था पर आँखों में चमक मन खुश ह्रदय गदगद था दर्द का अहसास ही नहीं था ...

Saturday, February 18, 2012

निरंतर कह रहा .......: इंसानियत का धर्म निभाता रहा

निरंतर कह रहा .......: इंसानियत का धर्म निभाता रहा: हिन्दू का लड़का पठान के कपडे पहन बाज़ार में निकल पडा मारो मारो को हल्ला सुना घबरा कर भाग पडा एक मुसलमान ने घर का दरवाज़ा खोला इशारे से उसे अ...

निरंतर कह रहा .......: कौन इन्हें समझाएं?

निरंतर कह रहा .......: कौन इन्हें समझाएं?: इन आँखों ने देखे बेहद खूबसूरत नज़ारे कल कल करते झरने रंग बिरंगे फूल , ऊंचे सुन्दर पहाड़ भाँती भाँती के जानवर नयनाभिराम पक्षी फिर भी इनकी इच्...

निरंतर कह रहा .......: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती

निरंतर कह रहा .......: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती कर्म के साथ मेहनत भी आवश्यक होती सफलता ना मिले तो सब्र भी रखनी होती असफलता का दोष दूसरों पर डालने की प्रवत्...

Thursday, February 16, 2012

निरंतर कह रहा .......: याद रहेंगे सिर्फ कारनामे तुम्हारे

निरंतर कह रहा .......: याद रहेंगे सिर्फ कारनामे तुम्हारे: ना घमंड में चूर रहो ना ही समझो वक़्त यही रहेगा हर दम जब तक है दम में दम सोचते हो झुका दोगे आसमां को भी तुम समझते नहीं किसी को कुछ भी तु...

निरंतर कह रहा .......: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया

निरंतर कह रहा .......: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया जी भर के अश्कों को बहने दिया क्या होता अगर सच को झुठलाते ? हमेशा की तरह कोई बहाना बनाते मन ही मन निरंत...

Monday, February 13, 2012

निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा

निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा: मुझे पसंद आयी हो या नहीं आयी हो तुम्हारी हर बात का उत्तर देना आवश्यक नहीं अगर उत्तर पसंद नहीं आया तुमको पलट कर तुम भी कुछ कहोगे मुझको सिलस...

निरंतर कह रहा .......: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर,रहीम को

निरंतर कह रहा .......: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर,रहीम को: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर , रहीम को लिखना है तो वो बात लिखो जो सब को समझ आ जाए पढ़ा नहीं साहित्य जिसने वो भी समझ जाए ऐसा लिखना पढ़ना कि...

चिंतन........निरंतर का.......: छोटा झूठ,शक ,सत्य ,मन निश्छल मन

चिंतन........निरंतर का.......: छोटा झूठ,शक ,सत्य ,मन निश्छल मन: मन निश्छल होने के पश्चात भी , एक छोटा सा सत्य , शक पैदा कर सकता है , बड़ी विपदा ला सकता है , ऐसी अवस्था में चुप रहना ही श्रेयस्कर होता , ज...

Sunday, February 12, 2012

निरंतर कह रहा .......: अच्छा हुआ जो फूल के रूप में पैदा नहीं हुआ

निरंतर कह रहा .......: अच्छा हुआ जो फूल के रूप में पैदा नहीं हुआ: बचपन से ही फूल मुझे बहुत पसंद हैं पर पहले सोचता था कितना अच्छा भाग्य होता फूलों का हर आदमी उन्हें चाहता उनकी सुगंध से मदमस्त हो जाता इश...

Saturday, February 11, 2012

निरंतर कह रहा .......: सशक्त कविता का जन्म

निरंतर कह रहा .......: सशक्त कविता का जन्म: जीवन की भट्टी में अनुभव की अग्नि में तपकर सत्य की कलम से शब्द जब आकार लेते तो सशक्त कविता का जन्म होता सच्चे मन से पढने वाले का जीवन न...

निरंतर कह रहा .......: चाहे मंदिर जाओ या मस्जिद जाओ

निरंतर कह रहा .......: चाहे मंदिर जाओ या मस्जिद जाओ: ना कर्मों की सज़ा होती ना ही कोई पुरस्कार होता केवल परिणाम होता सपनों की दुनिया से बाहर आ जाओ पुरस्कार की चाहत में कुछ ना करो...

निरंतर कह रहा .......: मन को संतुष्ट कर पाने का चैन

निरंतर कह रहा .......: मन को संतुष्ट कर पाने का चैन: कभी सोचता था संसार से जाने के बाद सब मुझे याद करें मेरे गुण गान करें इसी प्रयास में मन को जो अच्छा नहीं लगता था वह सब भी करता रहा लोगो...

"निरंतर" की कलम से.....: तुम्हें बदलना होगा ........

"निरंतर" की कलम से.....: तुम्हें बदलना होगा ........: एक दफनाई हुयी आवाज़ से कम नहीं मेरी आवाज़ कितना भी चिल्लाऊं कोई सुनता ही नहीं निरंतर आवाज़ लगाता हूँ अब तो बदल जाओ सदा इच्छा रखते हो जैसा त...

Friday, February 10, 2012

Nirantar's.......: Sorry

Nirantar's.......: Sorry: No wonder Everybody commits Silly mistakes I am no different Than others I too committed More than many did It is time now To confess In add...

Nirantar's.......: Few words

Nirantar's.......: Few words: Few words Can cause Wonder or a disaster Can make sound More than a bomb Resulting into breakdown Of the heart and mind Few words Can turn...

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13

निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13: उम्मीद लोगों से उम्मीद नहीं करता हूँ नफरत का सामान इकट्ठा करने का शौक नहीं रखता हूँ ************* खुशी की चाह खुशी की चाह रखने से पहले खुश...

वटवृक्ष: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे

वटवृक्ष: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे: चिड़िया की उड़ान उसकी मीठी आवाज़ उसके रंग सबको दिखते हैं पर उसकी भी अपनी व्यथा है - रश्मि प्रभा ===================================...

निरंतर कह रहा .......: कली खिल ना सकी

निरंतर कह रहा .......: कली खिल ना सकी: कली खिल ना सकी नियति के आगे लाचार हो गयी प्रभु इच्छा के सामने एक ना चली फूल बन कर महकने की इच्छा पूरी नहीं हुयी सिसकते स...

Thursday, February 9, 2012

निरंतर कह रहा .......: निश्छल प्रेम

निरंतर कह रहा .......: निश्छल प्रेम: नदी का निर्मल शीतल जल समुद्र के प्रेम में मग्न अविरल बहते हुए समुद्र से मिलने चल देता कोई पथ से रोके अवरोधक बने अपने पथ से डिगता नहीं निर...

निरंतर कह रहा .......: परमात्मा से देखा ना गया

निरंतर कह रहा .......: परमात्मा से देखा ना गया: संसार में आने को बहुत मचल रहा था परमात्मा से देखा ना गया उसे संसार में अतिथी बना कर भेज दिया जाने से पहले उसे समझाया सबसे मिल कर रहना न...

Monday, February 6, 2012

Nirantar's.......: Sorry

Nirantar's.......: Sorry: No wonder Everybody commits Silly mistakes I am no different Than others I too committed More than many did It is time now To confess I...

Thursday, February 2, 2012

निरंतर कह रहा .......: तुम्हें बदलना होगा ........

निरंतर कह रहा .......: तुम्हें बदलना होगा ........: एक दफनाई हुयी आवाज़ से कम नहीं मेरी आवाज़ कितना भी चिल्लाऊं कोई सुनता ही नहीं निरंतर आवाज़ लगाता हूँ अब तो बदल जाओ सदा इच्छा रखते हो जैसा तु...