जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें ......
Friday, April 20, 2012
निरंतर कह रहा .......: नींद मानो रूठ कर बैठ गयी
निरंतर कह रहा .......: नींद मानो रूठ कर बैठ गयी: रात नींद को बुलाता रहा करवटें बदलता रहा पर नींद मानो रूठ कर बैठ गयी , बहुत कशमकश और मिन्नतों के बाद भी नहीं आयी जब आयी तो मुझे पता ही...
निरंतर कह रहा .......: मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है
निरंतर कह रहा .......: मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है: जानना चाहता था मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है छुरी हाथ में लेकर उसे चीर दिया देखा तो पाया रक्त आधा लाल आधा काला था समझ गया काला रक्त घ...
निरंतर कह रहा .......: मन की कशमकश
निरंतर कह रहा .......: मन की कशमकश: मैं सोचता रहता हूँ मन की कशमकश कह नहीं पाता तुम भी सोचती रहती हो कह नहीं पाती हो हमारी खामोशी बीच की दूरियां बढ़ा रही है ना कहने की मजबू...
Thursday, April 19, 2012
निरंतर कह रहा .......: खूबसूरत आवरण
निरंतर कह रहा .......: खूबसूरत आवरण: किताबों की दूकान में घुसते ही शो केस में लगी रंग बिरंगे खूबसूरत आवरण वाली किताब पर नज़रें अटक गयी जब आवरण इतना खूबसूरत किताब भी बहुद सुन्...
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ? जब जब चलता है सब ठीक ठाक हँसते हो खिलखिलाकर भूल जाते हो आते हैं अवरोध सबके जीवन में जब दिए हैं इश्वर ने आँखों...
Wednesday, April 18, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ? जब जब चलता है सब ठीक ठाक हँसते हो खिलखिलाकर भूल जाते हो आते हैं अवरोध सबके जीवन में जब दिए हैं इश्वर ने आँखों...
निरंतर कह रहा .......: कल का कल देखा जाएगा
निरंतर कह रहा .......: कल का कल देखा जाएगा: कभी सोचता आज कल जैसा ना हो कभी मन कहता आज जैसा कल ना हो जो आज सोचता कल नहीं सोचा था जो परसों सोचा था कल नहीं सोचा समझ नहीं आता हर दिन सोच...
निरंतर कह रहा .......: भीड़ के साथ भागता रहा
निरंतर कह रहा .......: भीड़ के साथ भागता रहा: निरंतर दौड़ता रहा भीड़ के साथ भागता रहा मन में व्यथित होता रहा जीवन आनंद ना ले सका धन वैभव को सब कुछ समझता रहा कितना सही कितना...
Tuesday, April 17, 2012
निरंतर कह रहा .......: आज इतना हँसो
निरंतर कह रहा .......: आज इतना हँसो: आज इतना हँसो कि हँसी तुमसे खुद पूछे तुम्हें हुआ क्या है ? क्या बात हुयी ऐसी जो दिल इतना खुश है क्यूं छिपा कर रखा है ? मुझे भी बता दो वो रा...
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता: सर्दी की रात थी घड़ी की सूइयां बारह बजा रही थी दोस्तों की महफ़िल सजी थी घर जाने की ज़ल्दी ना थी माँ बेसब्री से इंतज़ार करती होगी जानते हुयी...
निरंतर कह रहा .......: चाटुकारिता का तर्पण अर्पण
निरंतर कह रहा .......: चाटुकारिता का तर्पण अर्पण: जीवन में कष्ट और मृत्यु के भय से चाटुकारिता का तर्पण अर्पण इश्वर को याद करना व्यर्थ है इश्वर को पाना है तो उसे मन में बसाओ कथनी करनी में वि...
निरंतर कह रहा .......: क्या यह प्यार नहीं है ?
निरंतर कह रहा .......: क्या यह प्यार नहीं है ?: कैसे कह दिया तुमने ? मैं तुम्हें प्यार नहीं करता तुम्हें गले नहीं लगाता तुम्हें चूमता नहीं हूँ अपनी बाहों में नहीं लेता तुम्हारे करीब नहीं...
निरंतर कह रहा .......: शांती भी नतमस्तक हो जायेगी
निरंतर कह रहा .......: शांती भी नतमस्तक हो जायेगी: किसी ने कहा मुझसे जब अपनों को अपनाओगे शान्ति वहीँ पा जाओगे कितना भ्रम है मन को खुश रखने का साधन है किस को मिली है शांती जो तुम्हें मिल जाय...
निरंतर कह रहा .......: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए
निरंतर कह रहा .......: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए क्यों अमावस की रात में चाँद उगाया जाए भूखे को रोटी प्यासे को पाना पिलाया जाए पड़ोसी के साथ मिल कर...
निरंतर कह रहा .......: मैंने चाँद से पूछा,आकाश कितना बड़ा है
निरंतर कह रहा .......: मैंने चाँद से पूछा,आकाश कितना बड़ा है: मैंने चाँद से पूछा आकाश कितना बड़ा है चाँद बोला पता नहीं मैंने भी सूरज से पूछा था उसने भी यही कहा मुझे पता नहीं नन्ही चिड़िया ने वार्तालाप...
निरंतर कह रहा .......: नए को जानने से पहले
निरंतर कह रहा .......: नए को जानने से पहले: जिन्हें कल जानता था उनमें से कुछ याद रहे कुछ को भूल गया आज तक नहीं जानता था जिन्हें कल जानूंगा उन्हें कुछ याद रहेंगे कुछ को भूल जाऊंगा कैस...
Friday, April 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: अँधेरे में भी रोशनी निरंतर मेरे साथ रहती
निरंतर कह रहा .......: अँधेरे में भी रोशनी निरंतर मेरे साथ रहती: आज भी दिन भर दिमाग में कोई ना कोई उधेड़बुन चलती रही खुद से सवाल किया क्या ज़िन्दगी ऐसे ही चलती रहेगी ? मन की आस फिर भी टूटी नहीं बिस्तर पर ल...
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत हँसते हुए को रुलाया बहुत हमने भी उसे छकाया बहुत वो गिराने की कोशिश करती रही हमें लंगडी लगाती रही हमने भी हा...
निरंतर कह रहा .......: कुछ बातें .........
निरंतर कह रहा .......: कुछ बातें .........: कुछ बातें कुछ यादें सदा अनकही रहती हैं कभी मुस्काराहट कभी क्रोध दिलाती हैं किसी को बताऊँ नहीं बताऊँ की दुविधा में छाया बन कर साथ चलती हैं...
निरंतर कह रहा .......: अच्छे के साथ
निरंतर कह रहा .......: अच्छे के साथ: अच्छे के साथ छात्र के जन्म दिन पर शिक्षक ने गुलाब के फूल की टहनी भेंट की छात्र बोला गुरूजी इसमें कांटे लगे हैं हाथ में चुभेंगे शिक्षक ने ...
Wednesday, April 11, 2012
"निरंतर" की कलम से.....: अच्छे के साथ
"निरंतर" की कलम से.....: अच्छे के साथ: छात्र के जन्म दिन पर शिक्षक ने गुलाब के फूल की टहनी भेंट की छात्र बोला गुरूजी इसमें कांटे लगे हैं हाथ में चुभेंगे शिक्षक ने उत्तर दिया चि...
Tuesday, April 3, 2012
निरंतर कह रहा .......: बिना अभिमन्यु बने चक्रव्यूह नहीं टूटेगा
निरंतर कह रहा .......: बिना अभिमन्यु बने चक्रव्यूह नहीं टूटेगा: कहीं खो गया हूँ खुद को भूल गया हूँ सब की सोचते सोचते खुद भटक गया हूँ आत्मविश्वास से डिग गया हूँ अनिश्चय के भंवर में गोते लगा रहा हूँ...
निरंतर कह रहा .......: ये कैसी चाहत है ?
निरंतर कह रहा .......: ये कैसी चाहत है ?: तुम कहते हो हमें बहुत चाहते हो हर पल याद करते हो ये कैसी चाहत है ? ये कैसी याद है ? हमारे चेहरे पर दर्द की लकीरें तुम ठहाके लगा रहे हो हम ...
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