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Tuesday, April 17, 2012
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता: सर्दी की रात थी घड़ी की सूइयां बारह बजा रही थी दोस्तों की महफ़िल सजी थी घर जाने की ज़ल्दी ना थी माँ बेसब्री से इंतज़ार करती होगी जानते हुयी...
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