जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच
द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें ......
Tuesday, June 5, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्यों समझते हो…
निरंतर कह रहा .......: क्यों समझते हो…: महरी के बेटे को मोबाइल पर बात करते देख वो ऊंची आवाज़ में बोले कहाँ से उठा कर लाये हो इतना महँगा फ़ोन लड़का पहले तो सहमा ...
No comments:
Post a Comment