Thursday, November 17, 2011

चिंतन........निरंतर का.......: शक्ती

चिंतन........निरंतर का.......: शक्ती: अपनी शक्ती को पहचानें उसके अनुरूप कार्य या व्यवहार करें जो दूसरों को अभिभूत करे अपनी कमज़ोरी को जाने उसके अनुरूप कार्य या व्यव...

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