Saturday, December 31, 2011

"निरंतर" की कलम से.....: हर तूफ़ान के बाद चलती हैं अमन की हवाएं

"निरंतर" की कलम से.....: हर तूफ़ान के बाद चलती हैं अमन की हवाएं: हर तूफ़ान के बाद चलती हैं अमन की हवाएं काली रात के बाद जगमाती हैं सूरज की किरनें ज़मीं को नहलाती हैं सुनहरी धूप रंजो गम की दुनिया से निकल जा...

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