Friday, February 24, 2012

निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?

निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?: प्रभु कैसा ये न्याय तुम्हारा जो इतना सताते हो कब चैन दोगे मुझको ? क्या और करूँ ? तुम्हारी कृपा पाने को प्रयत्न बहुत किया सफलता फिर भी ना...

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