Sunday, November 20, 2011

"निरंतर" की कलम से.....: रेत के घरोंदे

"निरंतर" की कलम से.....: रेत के घरोंदे: बहुत समझाता था उसे सपनों पर विश्वास मत किया करो समुद्र किनारे रेत के घरोंदे मत बनाया करो कभी कोई तेज़ लहर आयेगी घर को बहायेगी अपने सपनों ...

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