जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच
द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें ......
Friday, February 24, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16: जीना सोचता रहता हूँ जो मन कहता लिखता रहता हूँ निरंतर इसी तरह जीता जाता हूँ फर्क नींद खुल गयी सपना टूट गया क्या फर्क पडा वैसे भी टू...
No comments:
Post a Comment