Thursday, April 21, 2011

बसंत जैसी जिंदगी

बसंत जैसी जिंदगी
प्रकृति में अनूठा निखार संदेश दे रहा है कि ऋतुराज बसंत आ गया है। आओ, हम भी इस उल्लासमयी ऋतु को आत्मसात कर लें और महका लें अपनी जिंदगी बसंत सी। बसंत की शुरूआत के साथ ही प्रकृति खिलखिलाने लगी है। रोमांचित और प्रफुल्लित नजर आने लगी है। प्राकृतिक आबो हवा में उत्साह है, जोश है। बसंत हमें फिर पुकार रहा है मन में जोश और उत्साह भरने के लिए। आप भी अपने जीवन को बसंत की तरह बना लीजिए, जिसमें हो हंसी-खुशी और जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिया। न सर्दी जैसे ठंडे और जमे हुए आपके विचार हों न गर्मी की तरह तड़पने और बैचेन रहने वाला मन।

आपका जीवन हो बसंत के माफिक, जो खिलखिलाता रहे, मुस्कुराता रहे और आपके आंचल में हों खुशियां ही खुशियां। आपका जीवन बसंत की तरह बना रहे इसके लिए जरूरी है आपका सकारात्मक नजरिया। सकारात्मक दृष्टिकोण आपके जीवन को खुशी से लबालब कर देगा। ओशो रजनीश कहते हैं कि प्राकृतिक चीजों को देखकर खुशी की सीख लें। उनके पास खुश रहने के लिए कोई वजह नहीं है, फिर भी वे खुश हैं। हम ऊंचे पद और बैंक बैलेंस को खुशी का आघार मानते हैं। सीखने की बात तो यह है आखिर कुदरती चीजें खुश कैसे रहती हैं। सकारात्मक सोच आपके विश्वास और योग्यता को बढ़ाकर जीवन में सफलता और प्रसन्नता से मुलाकात करवाती है।

सकारात्मक नजरिया

यह एक ऎसा सकारात्मक विचार है, जो आपके वर्तमान और भविष्य की क्रियाओं के लिए भीतरी चेतना का संचार करता है। आप में उत्साह और जोश भरता है। यदि यह एक बार आपके अवचेतन मस्तिष्क में पहुंच जाए, तो विचारों और क्रियाओं को सही दिशा में मोड़ देगा।

क्यों जरूरी है
सकारात्मक नजरिया अपनाकर आप शरीर व दिमाग को सही दिशा में काम में ले सकते हैं। यदि आप नजरिए का उपयोग सही रूप में करते हैं, तो प्राकृतिक व स्वस्थ तरीके से स्थायी तौर पर अपना वजन कम कर सकते हैं। हर चुनौती या परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। लक्ष्य प्राप्ति के लिए भीतरी शक्तिऔर याददाश्त बढ़ा सकते हैं। व्यवहार व स्वभाव को सुघार सकते हैं। रिश्तों को पहले से ज्यादा मजबूत और मघुर बना सकते हैं। फिर देखिए आपको हासिल होगा सुकून और मिलेगा चैन। जिंदगी सहज खुशी-खुशी और सरल तरीके से चलती रहेगी अपनी पटरी पर।

सकारात्मक व्यवहार की ताकत

जिंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिए में बहुत ताकत होती है। इससे कई मुश्किलें आसान होती हैं। कामयाबी की राह में रोड़े बनने वाले नकारात्मक नजरिए और चिंता से मिलता है छुटकारा। इसे अपनाने से आपका जीवन बदल जाएगा और आपको हासिल होगी कामयाबी। महात्मा गांघी कहते थे कि सद्भावना से आप क्या सोचते हैं, क्या कहते हैं और क्या करते हैं यही खुशी है। जीवन के प्रति सकारात्मक व्यवहार के बहुत से फायदे देखे जा सकते हैं। जैसे-लक्ष्य व सफलता की प्राप्ति, अत्यघिक खुशी, ऊर्जावान शरीर, अंदरूनी शक्ति व हौसला, दूसरों व खुद को प्रेरणास्पद बनाना, मुश्किलों से न घबराना और लोगों की नजर में सम्मानीय होना आदि। नकारात्मक व्यवहार कहता है कि आप कभी सफलता हासिल नहीं कर सकते और सकारात्मक व्यवहार कहता है कि आप सफल हो सकते हैं।

सकारात्मक नजरिया होगा...

- खुशियों के चुनाव से
- जिंदगी के अच्छे पहलू की ओर घ्यान दें।
- खुश रहने के तरीकों को जानें।
- स्वयं पर विश्वास करें।
- खुशनुमा और जिंदा दिल लोगों के साथ संपर्क बनाएं।
- प्रेरणास्पद कहानियां पढ़ें।
- उस बात को दोहराएं, जिससे आपको प्रेरणा मिलती है।
- केवल उसे याद रखें, जो आप पाना चाहते हैं।
उपयोग कैसे करें
इन बातों को जिंदगी में उतारने से सकारात्मक नजरिया बनेगा और आप होते रहेंगे कामयाब-
- आप जो भी काम करें, उसके परिणाम के बारे में अच्छी तरह सोच लें।
- समस्याओं के निराकरण और अंत:चेतना को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन इसका उपयोग करें। इससे नकारात्मक विचार और डर दूर होगा।
- सकारात्मक दृष्टिकोण की सूची बनाएं।
- दिन की शुरूआत सकारात्मक विचारों से करें और सोने से पहले दिनभर की घटनाओं के बारे में सोचें। यदि संभव हो, तो दिन में कई बार इसका पालन करें।
- अपने दृष्टिकोण को सीघा और सामान्य बनाएं। ऎसे शब्दों का प्रयोग करें, जो आसानी से समझ आ जाए।

खुशी के लिए
समझ लीजिए
- हर चीज प्रत्येक के लिए नहीं होती।
- एक के लिए सब कुछ नहीं कर सकते।
- आप सभी चीजों को समानता से नहीं कर सकते।
- आप हर काम दूसरों से बेहतर नहीं कर सकते, क्योंकि आप भी औरों की ही तरह इंसान हैं।

तो फिर....

इस बात को जांचें कि आप क्या हैं। तय करें कि आप क्या कर सकते हैं। अपनी शक्तिपहचानें और उसका उपयोग करें। दूसरों से प्रतियोगिता न करें क्योंकि हर कोई आप जैसा हो जरूरी नहीं।
विश्वास करने की शक्ति
इनको अपनाने के बाद आप मे विश्वास करने की ऎसी शक्ति का संचार होगा, जिससे आपको महसूस होगा कि पूरे इतिहास में आप जैसा कोई नहीं। लगेगा जैसे जीवन में सुलझाने के लिए अब कोई समस्या ही नहीं है।

खुशी के कुछ तरीके

- योजना बनाएं और उन्हें क्रियान्वित करें।
- दिन पूरा होने तक कम से कम पांच आशीर्वाद प्राप्त करें।
- जिसे आप पसंद करते हैं, उससे बात करने के लिए हफ्ते में कम से कम एक घंटा निकालें।
- दिन में कम से कम एक बार दिल खोलकर हंसे।
- हफ्ते में तीन बार आघे घंटे व्यायाम करें।
- हर दिन एक बार किसी को देखकर हैलो कहें।
- किसी से एक अच्छी चीज सीखें।
- खुशी को प्राथमिकता दें।

शोघ

खुशी पर शोघ कने के बाद मनोवैज्ञानिकों ने जाना कि यह हमारे व्यवहार और संतुष्टि से प्रभावित होती है। उन्होंने कुछ लोगों के व्यवहार का अघ्ययन किया। सामने आया कि ज्यादातर लोगों का व्यवहार तनाव से भरपूर होता है। आमतौर पर इसका कारण झगड़ा, बच्चों संबंघी समस्या या गाड़ी खराब होना माना जाता है। एक अन्य शोघ के अनुसार 50 प्रतिशत लोग खुश हैं, 22 प्रतिशत लोग नाखुश हैं और 28 प्रतिशत लोग दुविघा की स्थिति में हैं। खुशी पर एक और शोघ किया गया जिससे पता चला कि ऎसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जो खुश रहने का कारण घन को मानते हैं।

(सधन्यवाद ,प्रीति स्वर्णकार,पत्रिका.कॉम)

1 comment:

  1. Very beautiful article. Padkar mann positive aur khush ho gaya.

    -Shaifali
    http://guptashaifali.blogspot.com

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