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Saturday, October 22, 2011
"निरंतर" की कलम से.....: पुष्प की व्यथा
"निरंतर" की कलम से.....: पुष्प की व्यथा: सब मुझे पुष्प के नाम से पहचानते पर मेरी व्यथा नहीं समझते अपने में मग्न सब मेरी सुगंध सूंघते देख कर खुश होते बहुत चाव से पौधा लगाते व्या...
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