आज का लिखना है
गुरूवरआपकी ही देन
अक्षरों से पहला नाता
आप ही की भेंट
साक्षर बना कर
हमेंदिया ये वरदान
गर्व से सर ऊँचा कर
हम चलें स्वाभिमान
शिक्षा से ही दीप जलतेहैं
सदा उन्नति केशिक्षक ही
वो रोशनीप्रज्वलित करते
न ज्ञान सिर्फ विषय-विशेष
अनुभव ज्ञान बतातेहै
नमन गुरूवर आपकोहै
हमें ये अभिमान
जीवन को हमारे दिए
नित नए दिनमान…
शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को हमारा श्रद्धेय नमन…
induravisinghj
bhtrin sach hai lekin jnaab ab to guru ki jgah gurur ho gyaa hai jo rupye ke bdle shikshaa bikti hai .akhtar khan akela kota rajsthan
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