जीवन संस्कार,प्रेरणास्पद लेख,संस्मरण, सूक्तियों,कहावतों, का सांझा मंच द्वार सब के लिए खुले हैं,आएँ उध्रत करें या लिख कर योगदान दें ......
Wednesday, August 22, 2012
चिंतन........निरंतर का.......: ना तुम्हारी जीत ज़रूरी ,ना मेरी हार ज़रूरी
चिंतन........निरंतर का.......: ना तुम्हारी जीत ज़रूरी ,ना मेरी हार ज़रूरी: ना तुम्हारी जीत ज़रूरी ना मेरी हार ज़रूरी दिलों में नज़दीकी ज़रूरी मैं हार भी जाऊं पर दिल से नहीं लगाऊँ तुम जीत भी जाओ गर स...
चिंतन........निरंतर का.......: पवित्र रिश्ते को केवल धागे से मत जोड़ो
चिंतन........निरंतर का.......: पवित्र रिश्ते को केवल धागे से मत जोड़ो: पवित्र रिश्ते को केवल धागे से मत जोड़ो थोड़ा सा आगे बढ़ो त्योंहार के पहले ही त्योंहार मनाओ हर दिन को रक्षाबंधन समझो जिससे...
चिंतन........निरंतर का.......: चिंतन ,मनन के बाद !
चिंतन........निरंतर का.......: चिंतन ,मनन के बाद !: रात भर सो नहीं पाया विचारों से व्यथित होता रहा किसी तरह आँख लगी ही थी कानों में चिड़ियों की चहचाहट सुनायी पड़ने लगी सवेरे क...
चिंतन........निरंतर का.......: ज़िन्दगी को समझने के लिए
चिंतन........निरंतर का.......: ज़िन्दगी को समझने के लिए: ज़िन्दगी को समझने के लिए खुशी के साथ गम भी ज़रूरी है हँसी के साथ आंसू भी ज़रूरी है जीत के साथ हार भी ज़रूरी है क्रोध के...
चिंतन........निरंतर का.......: जीवन की भट्टी में
चिंतन........निरंतर का.......: जीवन की भट्टी में: जीवन की भट्टी में मन अब तेज़ आंच पर चढी कढाई सा हो गया है विचार इस हद तक उबलने लगे हैं सब्र का पानी उफन रहा है सब कुछ अस्...
अहम् पर कविता -हार किसी को मंज़ूर नहीं
चार दिनों का
सब्र भी नहीं किसी को
पल पल भारी लगता
जीवन का
जब अहम् हो गया
जान से प्यारा
क्या करना फिर
दोस्त और दोस्ती का
जो भी
रह गया होड़ में पीछे
वही हारा कहलाता
हार किसी को मंज़ूर नहीं
क्या अपना क्या पराया
प्यार मोहब्बत गए भाड़ में
हर इंसान
फिर दुश्मन लगता
21-08-2012
673-33-08-12,
Tuesday, June 26, 2012
निरंतर कह रहा .......: मेरी आत्मा
निरंतर कह रहा .......: मेरी आत्मा: शरीर की कितनी पडतों के नीचे दबी है मेरी आत्मा मुझे पता नहीं शरीर में कहाँ छुपी है मेरी आत्मा मुझे पता नहीं इतना अवश्य पता...
Monday, June 25, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्यों कहते,तुम अकेले हो
निरंतर कह रहा .......: क्यों कहते,तुम अकेले हो: क्यों कहते,तुम अकेले हो किसी के साथ कोई नहीं होता तुम कहते तुम अकेले हो हर तरह के इंसान मिलते जीवन में जो हँसाते भी हैं रुल...
निरंतर कह रहा .......: कौन कहता है?, आग पानी का साथ नहीं हो सकता
निरंतर कह रहा .......: कौन कहता है?, आग पानी का साथ नहीं हो सकता: कौन कहता है ? आग पानी का साथ नहीं हो सकता मैं सबूत हूँ नफरत भरे रिश्तों की आग में भी जीवित रहा समस्याओं की कसौटी पर खरा उतर...
निरंतर कह रहा .......: कितनी नाव,कितने मांझी बदलोगे
निरंतर कह रहा .......: कितनी नाव,कितने मांझी बदलोगे: कितनी नाव कितने मांझी बदलोगे कितने दोस्त कितने साथी बदलोगे अब अपनी इस फितरत को विराम मचलते मन को विश्राम दे दो ज़िन्द...
निरंतर कह रहा .......: वटवृक्ष के सानिध्य में
निरंतर कह रहा .......: वटवृक्ष के सानिध्य में: आज फिर व्यथित मन से वटवृक्ष के नीचे आ बैठा हूँ सदा की तरह सारी व्यथा रो रो कर निकालूँगा विशाल ह्रदय वाले वटवृक्ष ने स...
निरंतर कह रहा .......: इच्छाओं की कस्तूरी
निरंतर कह रहा .......: इच्छाओं की कस्तूरी: इच्छाओं की कस्तूरी मनमोहिनी सुगंध से मुझे निरंतर लुभाती संतुष्टी के पथ से डिगाने का निष्फल प्रयत्न करती मेरे संयम की बार बा...
निरंतर कह रहा .......: पुराने हो गए हैं,तो क्या बदल दोगे
निरंतर कह रहा .......: पुराने हो गए हैं,तो क्या बदल दोगे: पुराने हो गए हैं तो क्या बदल दोगे कूडा समझ कर फैंक दोगे ये भी तो सोच लो नया कहाँ से लाओगे तुम कह दोगे नए की ज़रुरत ही नहीं...
Tuesday, June 5, 2012
निरंतर कह रहा .......: दिल-ऐ-कातिल
निरंतर कह रहा .......: दिल-ऐ-कातिल: देखा जो चेहरा उनका करीब से जान ली हकीकत छुपी थी जो चमकते चेहरे के पीछे दिखा एक दिल-ऐ-कातिल मुझे मासूमियत के पीछे या तो ह...
निरंतर कह रहा .......: जब तक थे साथ हमारे
निरंतर कह रहा .......: जब तक थे साथ हमारे: जब तक थे साथ हमारे कदम नहीं बहकते थे उनके हुए जब से जुदा हमसे होश नहीं उनको मदहोश भी इतने सम्हाले नहीं सम्हलते गरूर भी...
निरंतर कह रहा .......: खुदा से पूछा मैंने एक दिन
निरंतर कह रहा .......: खुदा से पूछा मैंने एक दिन: खुदा से पूछा मैंने एक दिन क्यूं ज़मीं पर बसेरा नहीं बसाया उसने खुदा ने जवाब दिया इंसान के दिल से नफरत साफ़ करते करते छा...
निरंतर कह रहा .......: कैक्टस
निरंतर कह रहा .......: कैक्टस: अनंत काल से कालजयी मुस्कान लिए मरुधर में निश्चल खडा हूँ धूल भरी आँधियों से अकेला लड़ रहा हूँ लड़ते हुए भी हरीतिमा का आभा...
निरंतर कह रहा .......: बिना भावनाओं के जीवन
निरंतर कह रहा .......: बिना भावनाओं के जीवन: कोई पंछी ना उड़ता सितारा ना जगमगाता चाँद बादलों के पीछे छुपा रहता सूरज कभी ना उगता तो आकाश को कौन पूछता विशाल और विस्त...
निरंतर कह रहा .......: बिना भावनाओं के जीवन
निरंतर कह रहा .......: बिना भावनाओं के जीवन: कोई पंछी ना उड़ता सितारा ना जगमगाता चाँद बादलों के पीछे छुपा रहता सूरज कभी ना उगता तो आकाश को कौन पूछता विशाल और विस्त...
निरंतर कह रहा .......: मत पूछो इस बार का सावन कैसा होगा ?
निरंतर कह रहा .......: मत पूछो इस बार का सावन कैसा होगा ?: मत पूछो इस बार का सावन कैसा होगा ? बिना महक के फूलों का होगा ना कोयल कूंकेगी ना पपीहा बोलेगा कोई भंवरा गुंजन ना करेगा ...
निरंतर कह रहा .......: चला था सुकून ढूँढने ,बेचैनी मोल ले बैठा
निरंतर कह रहा .......: चला था सुकून ढूँढने ,बेचैनी मोल ले बैठा: चला था सुकून ढूँढने बेचैनी मोल ले बैठा चलते चलते रास्ते में उनसे दिल लगा बैठा जाना था कहीं और कहीं और जा पहुंचा मंजिल की त...
निरंतर कह रहा .......: ना कोई गुल तोड़ा था ना ही,शाख से रिश्ता जोड़ा था
निरंतर कह रहा .......: ना कोई गुल तोड़ा था ना ही,शाख से रिश्ता जोड़ा था: ना कोई गुल तोड़ा था ना ही शाख से रिश्ता जोड़ा था शौके-ऐ-मोहब्बत में बस निगाहें उठा कर देखा था दुश्मनों का दिल जलाने ...
निरंतर कह रहा .......: आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है
निरंतर कह रहा .......: आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है: आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है भावनाएं भी ठहरी हुयी हैं रुकावटें मुंह बायें खडी हैं चिंताएं बढ़ी हुयी हैं कुछ लिखूं या चिंताएं ...
निरंतर कह रहा .......: आज कोई उनका लिखा नगमा सुना दे
निरंतर कह रहा .......: आज कोई उनका लिखा नगमा सुना दे: आज कोई उनका लिखा नगमा सुना दे उनके करीब होने का अहसास करा दे ना करे फ़िक्र सुर और साज़ की ना ही लय और ताल की बस वो सुरीला...
निरंतर कह रहा .......: खून जब बन जाता है पानी
निरंतर कह रहा .......: खून जब बन जाता है पानी: खून जब बन जाता है पानी मर्यादाएं हो जाती हैं ध्वस्त संतान निकम्मी हो जाती प्रताड़ित करती माँ बाप को रोती है धरती रोत...
निरंतर कह रहा .......: सीधी सादी लडकी
निरंतर कह रहा .......: सीधी सादी लडकी: उस सीधी सादी लडकी को जिसके चेहरे पर कभी सौन्दर्य प्रसाधन की छाया भी नहीं देखी जो सदा साधारण से कपड़ों में दिखती थी आज म...
निरंतर कह रहा .......: माँ ही जननी,माँ ही पोषक
निरंतर कह रहा .......: माँ ही जननी,माँ ही पोषक: माँ ही जननी माँ ही पोषक माँ ही रक्षक माँ ही पथ प्रदर्शक माँ स्नेह सरिता माँ करूणा का सागर माँ का आशीष पारस मणी माँ ...
निरंतर कह रहा .......: सिसकियाँ
निरंतर कह रहा .......: सिसकियाँ: सदियों से उठ रही हैं गरीब के दिल से सिसकियाँ पीढी दर पीढी रुकी नहीं ये सिसकियाँ दो जून रोटी के खातिर चलती रहती हैं सिसकिय...
निरंतर कह रहा .......: क्या कहूँ ज़माने को
निरंतर कह रहा .......: क्या कहूँ ज़माने को: क्या कहूँ ज़माने को ज़माना तो अपनी चाल चलेगा उगते सूरज को सलाम करेगा डूबते को अँधेरे में धकेलेगा हँसते के साथ हंसेगा र...
निरंतर कह रहा .......: बरसों बाद जब मिला उनसे
निरंतर कह रहा .......: बरसों बाद जब मिला उनसे: बरसों बाद जब मिला उनसे ना उनके चेहरे पर हँसी थी ना मेरे चेहरे पर खुशी थी समझ नहीं आया क्यूं फिर इतनी दूरी थी क्या गलतफ...
निरंतर कह रहा .......: क्यों समझते हो…
निरंतर कह रहा .......: क्यों समझते हो…: महरी के बेटे को मोबाइल पर बात करते देख वो ऊंची आवाज़ में बोले कहाँ से उठा कर लाये हो इतना महँगा फ़ोन लड़का पहले तो सहमा ...
निरंतर कह रहा .......: फलक के सितारे भी पूछते हैं मुझसे
निरंतर कह रहा .......: फलक के सितारे भी पूछते हैं मुझसे: फलक के सितारे भी पूछते हैं मुझसे तेरी रुसवाई का राज क्या है क्या ऐसा किया मैंने जो उल्फत से नवाज़ा तुमने मेरी तरफ देख कर...
निरंतर कह रहा .......: कौन कहता है ऊंचे पहाड़ों पर घास के मैदान नहीं होते...
निरंतर कह रहा .......: कौन कहता है ऊंचे पहाड़ों पर घास के मैदान नहीं होते...: कौन कहता है ऊंचे पहाड़ों पर घास के मैदान नहीं होते ऊंचे लोग धरातल से जुड़े नहीं होते हुए हैं इस देश में नेता गाँधी , सुभाष प...
निरंतर कह रहा .......: लक्ष्य की और
निरंतर कह रहा .......: लक्ष्य की और: कोई हाथ पकड़ता है कोई पैर खींचता है कोई बातों से विचलित करने की कोशिश तो कोई अवरोध खड़े करता हैं चारों तरफ से मुझे पथ से ...
निरंतर कह रहा .......: बेचैनियाँ इतनी मिली ज़िन्दगी में
निरंतर कह रहा .......: बेचैनियाँ इतनी मिली ज़िन्दगी में: बेचैनियाँ इतनी मिली ज़िन्दगी में सुकून कभी मिल भी जाए ज़िन्दगी के सफ़र में पहचान नहीं पाऊंगा अजनबी समझ बगल से निकल जाऊंगा ...
निरंतर कह रहा .......: दिन के उजाले पर रात की स्याही कैसी
निरंतर कह रहा .......: दिन के उजाले पर रात की स्याही कैसी: दिन के उजाले पर रात की स्याही कैसी हँसते हुए चेहरे पर आज ये उदासी कैसी महकाती थी ज़माने को खुशबू जिनकी आज उन बहारों में ये खिजा क...
निरंतर कह रहा .......: आज किसी ने मुझे मेरे,बचपन के नाम से पुकारा ,
निरंतर कह रहा .......: आज किसी ने मुझे मेरे,बचपन के नाम से पुकारा ,: आज किसी ने मुझे मेरे बचपन के नाम से पुकारा , मैंने पीछे मुड कर देखा तो एक बुजुर्ग सज्जन नज़र आये मैंने पूछा , आप कौन हैं पहचा...
निरंतर कह रहा .......: मेरी आँखों ने जो देखा
निरंतर कह रहा .......: मेरी आँखों ने जो देखा: पैसा , सत्ता , ताकत ही सब कुछ है इमानदारी बकवास लूट खसोट करना भ्रष्ट होना सबसे उत्तम है ना यह सत्य है ना ही भावनाओं का ...
निरंतर कह रहा .......: मैं इतना जाहिल तो नहीं
निरंतर कह रहा .......: मैं इतना जाहिल तो नहीं: मैं इतना जाहिल तो नहीं ख़ूबसूरती को नहीं पहचानूँ तुम्हें देख कर आहें ना भरूँ इतना तंगदिल भी नहीं तुम मुस्कराओं मैं तारीफ़ न...
निरंतर कह रहा .......: तन्हाइयों का चक्रव्यूह
निरंतर कह रहा .......: तन्हाइयों का चक्रव्यूह: तुम से मिला तो नहीं सिर्फ दूर से देखा था दिल तुम को एक नज़र में दे दिया था तुम कैसे समझोगी मेरी तन्हाइयों की कहानी उन्हे...
निरंतर कह रहा .......: कुंठा की अभिव्यक्ती
निरंतर कह रहा .......: कुंठा की अभिव्यक्ती: तुम कहते हो खामोश रहूँ आंसू ना बहाऊँ भावनाओं को खुले आम ना दर्शाऊँ तो , क्या ग़मों को पीता रहूँ उनका बोझ ढ़ोता रहूँ मन हे मन...
निरंतर कह रहा .......: उगते सूर्य का उजाला
निरंतर कह रहा .......: उगते सूर्य का उजाला: तुम्हें उगते सूर्य का उजाला समझा था कुछ पलों के लिए तुमने उसमें नहलाया भी था मन इतना उजला हो गया जिधर देखता उधर उजाला ही दि...
निरंतर कह रहा .......: धूप छाँव
निरंतर कह रहा .......: धूप छाँव: कई दिन बाद वो हँस कर बोले उनकी हँसी कितनी देर रहेगी कब मुंह लटका कर बैठ जायेंगे आंसू बहाने लगेंगे इस डर से उनके साथ हँस ...
निरंतर कह रहा .......: कैसे कहूँ कभी हम उनके थे
निरंतर कह रहा .......: कैसे कहूँ कभी हम उनके थे: कैसे कहूँ कभी हम उनके थे? हम सफ़र हम निवाले थे उनके प्यार में मदहोश थे समझते थे चिपके रहेंगे ताजिंदगी उनके दिल से होश में आ...
निरंतर कह रहा .......: तुम्हें याद करना.....ना तो मेरी आदत ना ही मजबूरी
निरंतर कह रहा .......: तुम्हें याद करना.....ना तो मेरी आदत ना ही मजबूरी: तुम्हें याद करना ना तो मेरी आदत ना ही मजबूरी वो जीने के लिए आवश्यकता मेरी ह्रदय को धड़कने के लिए रक्त साँस के लिए हवा मन ...
Sunday, May 6, 2012
निरंतर कह रहा .......: प्रेम का समुद्र
निरंतर कह रहा .......: प्रेम का समुद्र: पानी की बूँद था , अपने प्रेम से तुमने उसे समुद्र बनाया अब तुम ही विछोह चाहती हो भाप जैसे उड़ा कर आकाश में मिलाना चाहती हो...
निरंतर कह रहा .......: उगते सूर्य का उजाला
निरंतर कह रहा .......: उगते सूर्य का उजाला: तुम्हें उगते सूर्य का उजाला समझा था कुछ पलों के लिए तुमने उसमें नहलाया भी था मन इतना उजला हो गया जिधर देखता उधर उजाला ही दि...
निरंतर कह रहा .......: कुंठा की अभिव्यक्ती
निरंतर कह रहा .......: कुंठा की अभिव्यक्ती: प्रेम , प्यार , मोहब्बत तुम कहते हो खामोश रहूँ आंसू ना बहाऊँ भावनाओं को खुले आम ना दर्शाऊँ तो , क्या ग़मों को पीता रहूँ उनका...
निरंतर कह रहा .......: मैं इतना जाहिल तो नहीं
निरंतर कह रहा .......: मैं इतना जाहिल तो नहीं: मैं इतना जाहिल तो नहीं ख़ूबसूरती को नहीं पहचानूँ तुम्हें देख कर आहें ना भरूँ इतना तंगदिल भी नहीं तुम मुस्कराओं मैं तारीफ़ न...
Wednesday, May 2, 2012
निरंतर कह रहा .......: सृजन और विध्वंस
निरंतर कह रहा .......: सृजन और विध्वंस: किस्मत मिट्टी की अच्छी या खराब निर्भर करेगा उस पर जिसके के हाथों में जायेगी मिट्टी उसकी जैसी नियत वैसा ही करेगा वो एक ब...
निरंतर कह रहा .......: झूठ का आवरण
निरंतर कह रहा .......: झूठ का आवरण: किसी ने तुम्हारे प्रशंसा में दो मीठे शब्द बोल दिए , तुम पचा नहीं पाए फूल कर कुप्पा गए बिना यह सोचे समझे कहने वाले का मंतव्य क्या था क्या व...
निरंतर कह रहा .......: क्रोध पर कविता -मैं नहीं कहता तुम मेरी मानो
निरंतर कह रहा .......: क्रोध पर कविता -मैं नहीं कहता तुम मेरी मानो: मैं नहीं कहता तुम मेरी मानो पर ध्यान से सुन तो लो मुझे प्रतीत होता है तुम्हें क्रोध बहुत आता है आवेश में जो नहीं कहना चाहि...
निरंतर कह रहा .......: जी का वन ही तो जीवन है
निरंतर कह रहा .......: जी का वन ही तो जीवन है: जीवन के सृजन कर्ता से पूछा मैंने एक दिन क्यों आपने संसार में सांस लेने वालों का नाम जीव रखा वो मुस्कारा कर बोला जी का व...
Friday, April 20, 2012
निरंतर कह रहा .......: नींद मानो रूठ कर बैठ गयी
निरंतर कह रहा .......: नींद मानो रूठ कर बैठ गयी: रात नींद को बुलाता रहा करवटें बदलता रहा पर नींद मानो रूठ कर बैठ गयी , बहुत कशमकश और मिन्नतों के बाद भी नहीं आयी जब आयी तो मुझे पता ही...
निरंतर कह रहा .......: मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है
निरंतर कह रहा .......: मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है: जानना चाहता था मेरे ह्रदय के रक्त का रंग कैसा है छुरी हाथ में लेकर उसे चीर दिया देखा तो पाया रक्त आधा लाल आधा काला था समझ गया काला रक्त घ...
निरंतर कह रहा .......: मन की कशमकश
निरंतर कह रहा .......: मन की कशमकश: मैं सोचता रहता हूँ मन की कशमकश कह नहीं पाता तुम भी सोचती रहती हो कह नहीं पाती हो हमारी खामोशी बीच की दूरियां बढ़ा रही है ना कहने की मजबू...
Thursday, April 19, 2012
निरंतर कह रहा .......: खूबसूरत आवरण
निरंतर कह रहा .......: खूबसूरत आवरण: किताबों की दूकान में घुसते ही शो केस में लगी रंग बिरंगे खूबसूरत आवरण वाली किताब पर नज़रें अटक गयी जब आवरण इतना खूबसूरत किताब भी बहुद सुन्...
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ? जब जब चलता है सब ठीक ठाक हँसते हो खिलखिलाकर भूल जाते हो आते हैं अवरोध सबके जीवन में जब दिए हैं इश्वर ने आँखों...
Wednesday, April 18, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?
निरंतर कह रहा .......: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ?: क्यों बेफिक्र हो जाते हो ? जब जब चलता है सब ठीक ठाक हँसते हो खिलखिलाकर भूल जाते हो आते हैं अवरोध सबके जीवन में जब दिए हैं इश्वर ने आँखों...
निरंतर कह रहा .......: कल का कल देखा जाएगा
निरंतर कह रहा .......: कल का कल देखा जाएगा: कभी सोचता आज कल जैसा ना हो कभी मन कहता आज जैसा कल ना हो जो आज सोचता कल नहीं सोचा था जो परसों सोचा था कल नहीं सोचा समझ नहीं आता हर दिन सोच...
निरंतर कह रहा .......: भीड़ के साथ भागता रहा
निरंतर कह रहा .......: भीड़ के साथ भागता रहा: निरंतर दौड़ता रहा भीड़ के साथ भागता रहा मन में व्यथित होता रहा जीवन आनंद ना ले सका धन वैभव को सब कुछ समझता रहा कितना सही कितना...
Tuesday, April 17, 2012
निरंतर कह रहा .......: आज इतना हँसो
निरंतर कह रहा .......: आज इतना हँसो: आज इतना हँसो कि हँसी तुमसे खुद पूछे तुम्हें हुआ क्या है ? क्या बात हुयी ऐसी जो दिल इतना खुश है क्यूं छिपा कर रखा है ? मुझे भी बता दो वो रा...
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता
निरंतर कह रहा .......: माँ की चिंता: सर्दी की रात थी घड़ी की सूइयां बारह बजा रही थी दोस्तों की महफ़िल सजी थी घर जाने की ज़ल्दी ना थी माँ बेसब्री से इंतज़ार करती होगी जानते हुयी...
निरंतर कह रहा .......: चाटुकारिता का तर्पण अर्पण
निरंतर कह रहा .......: चाटुकारिता का तर्पण अर्पण: जीवन में कष्ट और मृत्यु के भय से चाटुकारिता का तर्पण अर्पण इश्वर को याद करना व्यर्थ है इश्वर को पाना है तो उसे मन में बसाओ कथनी करनी में वि...
निरंतर कह रहा .......: क्या यह प्यार नहीं है ?
निरंतर कह रहा .......: क्या यह प्यार नहीं है ?: कैसे कह दिया तुमने ? मैं तुम्हें प्यार नहीं करता तुम्हें गले नहीं लगाता तुम्हें चूमता नहीं हूँ अपनी बाहों में नहीं लेता तुम्हारे करीब नहीं...
निरंतर कह रहा .......: शांती भी नतमस्तक हो जायेगी
निरंतर कह रहा .......: शांती भी नतमस्तक हो जायेगी: किसी ने कहा मुझसे जब अपनों को अपनाओगे शान्ति वहीँ पा जाओगे कितना भ्रम है मन को खुश रखने का साधन है किस को मिली है शांती जो तुम्हें मिल जाय...
निरंतर कह रहा .......: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए
निरंतर कह रहा .......: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए: आओ ज़िन्दगी के सांवले चेहरे को निखारा जाए क्यों अमावस की रात में चाँद उगाया जाए भूखे को रोटी प्यासे को पाना पिलाया जाए पड़ोसी के साथ मिल कर...
निरंतर कह रहा .......: मैंने चाँद से पूछा,आकाश कितना बड़ा है
निरंतर कह रहा .......: मैंने चाँद से पूछा,आकाश कितना बड़ा है: मैंने चाँद से पूछा आकाश कितना बड़ा है चाँद बोला पता नहीं मैंने भी सूरज से पूछा था उसने भी यही कहा मुझे पता नहीं नन्ही चिड़िया ने वार्तालाप...
निरंतर कह रहा .......: नए को जानने से पहले
निरंतर कह रहा .......: नए को जानने से पहले: जिन्हें कल जानता था उनमें से कुछ याद रहे कुछ को भूल गया आज तक नहीं जानता था जिन्हें कल जानूंगा उन्हें कुछ याद रहेंगे कुछ को भूल जाऊंगा कैस...
Friday, April 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: अँधेरे में भी रोशनी निरंतर मेरे साथ रहती
निरंतर कह रहा .......: अँधेरे में भी रोशनी निरंतर मेरे साथ रहती: आज भी दिन भर दिमाग में कोई ना कोई उधेड़बुन चलती रही खुद से सवाल किया क्या ज़िन्दगी ऐसे ही चलती रहेगी ? मन की आस फिर भी टूटी नहीं बिस्तर पर ल...
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत: ज़िन्दगी ने हमें सताया बहुत हँसते हुए को रुलाया बहुत हमने भी उसे छकाया बहुत वो गिराने की कोशिश करती रही हमें लंगडी लगाती रही हमने भी हा...
निरंतर कह रहा .......: कुछ बातें .........
निरंतर कह रहा .......: कुछ बातें .........: कुछ बातें कुछ यादें सदा अनकही रहती हैं कभी मुस्काराहट कभी क्रोध दिलाती हैं किसी को बताऊँ नहीं बताऊँ की दुविधा में छाया बन कर साथ चलती हैं...
निरंतर कह रहा .......: अच्छे के साथ
निरंतर कह रहा .......: अच्छे के साथ: अच्छे के साथ छात्र के जन्म दिन पर शिक्षक ने गुलाब के फूल की टहनी भेंट की छात्र बोला गुरूजी इसमें कांटे लगे हैं हाथ में चुभेंगे शिक्षक ने ...
Wednesday, April 11, 2012
"निरंतर" की कलम से.....: अच्छे के साथ
"निरंतर" की कलम से.....: अच्छे के साथ: छात्र के जन्म दिन पर शिक्षक ने गुलाब के फूल की टहनी भेंट की छात्र बोला गुरूजी इसमें कांटे लगे हैं हाथ में चुभेंगे शिक्षक ने उत्तर दिया चि...
Tuesday, April 3, 2012
निरंतर कह रहा .......: बिना अभिमन्यु बने चक्रव्यूह नहीं टूटेगा
निरंतर कह रहा .......: बिना अभिमन्यु बने चक्रव्यूह नहीं टूटेगा: कहीं खो गया हूँ खुद को भूल गया हूँ सब की सोचते सोचते खुद भटक गया हूँ आत्मविश्वास से डिग गया हूँ अनिश्चय के भंवर में गोते लगा रहा हूँ...
निरंतर कह रहा .......: ये कैसी चाहत है ?
निरंतर कह रहा .......: ये कैसी चाहत है ?: तुम कहते हो हमें बहुत चाहते हो हर पल याद करते हो ये कैसी चाहत है ? ये कैसी याद है ? हमारे चेहरे पर दर्द की लकीरें तुम ठहाके लगा रहे हो हम ...
Tuesday, March 20, 2012
निरंतर कह रहा .......: बिना माँ के
निरंतर कह रहा .......: बिना माँ के: साधन संपन्न , धनाढ्य ने कमरे की खिड़की से घनघोर बरसात का आनंद लेते हुए देखा माँ स्वयं भीग रही थी पर पुत्र के सर पर छोटी सी छतरी ताने उसे बरस...
निरंतर कह रहा .......: थोड़ा तुम आगे बढ़ो,थोड़ा मैं आगे बढूँ
निरंतर कह रहा .......: थोड़ा तुम आगे बढ़ो,थोड़ा मैं आगे बढूँ: मैं रात में देर से सोता तुम कहती लाईट में नींद नहीं होती तुम भरती जोर के खर्राटे नींद मेरी भी उडती तुम पीती चाय ठंडी मुझे गर्म चाय अच...
Sunday, March 18, 2012
निरंतर कह रहा .......: यह कैसी परीक्षा है ?
निरंतर कह रहा .......: यह कैसी परीक्षा है ?: यह कैसी परीक्षा है जिस में शिष्य परीक्षक गुरु परीक्षार्थी है अनुभव की प्रतिष्ठा दांव पर है जिसने सिखाया वो अब गौण जिसने सीखा वो महान है स...
Saturday, March 17, 2012
निरंतर कह रहा .......: लाचारी में
निरंतर कह रहा .......: लाचारी में: एक जोर की किलकारी गूंजी एक जान ने धरती पर आँखें खोली सड़क किनारे लेटी माँ की आँखें खुशी से नम हो गयी अगले ही पल खुशी हवा हो गयी सोचने लगी न...
निरंतर कह रहा .......: प्रकृती और पर्यावरण से मज़ाक कब बंद होगा
निरंतर कह रहा .......: प्रकृती और पर्यावरण से मज़ाक कब बंद होगा: चेहरे पर तनाव लिए खामोशी से सब अपनी परेशानियों से झूझ रहे आधी उम्र में पूरा दिख रहे किसी को फ़िक्र नहीं हवा में धुएं का ज़हर बढ़ रहा खोल ...
Friday, March 16, 2012
निरंतर कह रहा .......: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे !
निरंतर कह रहा .......: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे !: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे लाल पीले सफ़ेद नारंगी और भी कई रंगों के दूर से ही लुभाते पास जाता हूँ तो कोई सुगंध नहीं पाता...
Thursday, March 15, 2012
निरंतर कह रहा .......: खोखली हँसी
निरंतर कह रहा .......: खोखली हँसी: पुरानी तसवीरें देखता हूँ सोच में डूब जाता हूँ उन हँसते हुए चेहरों को आसपास ढूंढता हूँ जो काल के गाल में समा गए कुछ चेहरे तो नहीं दिखते पर ...
निरंतर कह रहा .......: चेहरे
निरंतर कह रहा .......: चेहरे: मैंने देखे हैं भांती भांती के चेहरे कुछ अपने में डूबे दुनिया से बेखबर फूल से कोमल कुछ चिंता से ग्रस्त दुखों के पहाड़ तले दबे हुए कुछ ऐसे ...
निरंतर कह रहा .......: कम से कम सुन तो लो
निरंतर कह रहा .......: कम से कम सुन तो लो: जो कह रहा हूँ कम से कम सुन तो लो बोलने से पहले ही बिना समझे ही उत्तर तो मत दो सब जानते हो मन में धारणा मत बनाओ बिना सोचे समझे प्रतिक्रया त...
निरंतर कह रहा .......: मुझे गलतफहमियों से बचाओ
निरंतर कह रहा .......: मुझे गलतफहमियों से बचाओ: इससे पहले की तुम सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ जाओ शिखर पर पहुँच कर मुझे पहचानो भी नहीं मेरा मन को व्यथित करो तुम्हारे बारे में मेरी धारणा बदल ज...
Wednesday, March 14, 2012
निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ
निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ: जीवन को नीरस ना बनाओ नीरस जीवन वैसा ही होता जैसे बिना मुस्कान के होंठ बिना रौशनी के नयन बिना स्नेह के दिल बिना हरीतिमा के पृथ्वी...
निरंतर कह रहा .......: जितना हँस सकूँ,उतना हँस लूँ
निरंतर कह रहा .......: जितना हँस सकूँ,उतना हँस लूँ: अब थकने लगा हूँ ज़िन्दगी से डरने लगा हूँ क्या होगा आने वाले बरसों में डर से सहमने लगा हूँ क्यों बूढा होता इंसान निरंतर सोचता हूँ क्यों लौट...
Tuesday, March 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: किसी का जीवन भी व्यर्थ नहीं जाता
निरंतर कह रहा .......: किसी का जीवन भी व्यर्थ नहीं जाता: नन्हा चूजा एक दिन बोला अपनी माँ से भगवान् ने चील को क्यों बनाया ? चील हमारी दुश्मन जान हमारी लेती माँ को समझ नहीं आया कैसे शांत करे चूजे क...
निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...
निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...: कई बार उस सड़क से निकलता था पहले कभी नज़र उस कचनार के पेड़ पर नहीं पडी जो आज फूलों से लदा हुआ आने जाने वालों को अपनी ओर आकृष्ट कर...
निरंतर कह रहा .......: धन वैभव का खुशी से कोई लेना देना नहीं होता
निरंतर कह रहा .......: धन वैभव का खुशी से कोई लेना देना नहीं होता: उसकी आँखें विशालकाय कोठी की तरफ उठ ही जाती थी जिसमें सजी धजी जेवरों से लदी मेमसाब रहती थी सफ़ेद झक वर्दी में ड्राइवरों के साथ कई गाडिया खडी...
निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास
निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास: जीवन एक विशालकाय कैनवास से कम नहीं चित्रकार परमात्मा का अमिट सृजन सुख दुःख , हँसी खुशी , विपदा , विलाप , दया , क्रोध प्यार , इर्ष्या द्वेष ...
Monday, March 12, 2012
निरंतर कह रहा .......: सब्र के कपडे पहन ले ,मन में सहनशीलता ओढ़ लें
निरंतर कह रहा .......: सब्र के कपडे पहन ले ,मन में सहनशीलता ओढ़ लें: तुम कहो मैं सुनूँ जैसा चाहो वैसा करूँ नहीं मानूं तो तुम रूठ जाओ फिर मैं तुम्हें मनाऊँ मैं कहूं तुम सुनो जो चाहूँ वो करो नहीं करो...
Sunday, March 11, 2012
निरंतर कह रहा .......: परिस्थितियों के अनुसार
निरंतर कह रहा .......: परिस्थितियों के अनुसार: ना सूरज का पूरब से निकलना बदलता ना पश्चिम में ढलना बदलता बदलना पड़ता तो मनुष्य को बदलना पड़ता परिस्थितियों के अनुसार ढलना पड़ता समय के सामने ...
Saturday, March 10, 2012
निरंतर कह रहा .......: लोग पूंछते मुझसे,होली क्यों नहीं खेली?
निरंतर कह रहा .......: लोग पूंछते मुझसे,होली क्यों नहीं खेली?: लोग पूंछते मुझसे होली क्यों नहीं खेली ? मैं कहता हूँ तुम्ही बताओ मैं कैसे होली खेलूँ कैसे दीपावली मनाऊँ कोई समझाए मुझे जब गरीब के सर पर छत...
निरंतर कह रहा .......: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ?...
निरंतर कह रहा .......: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ?...: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ? किसी को राजा किसी को रंक बनाया एक भरे पेट को भर रहा दूसरा खाली पेट लिए तरस रहा एक पैदा होत...
निरंतर कह रहा .......: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए
निरंतर कह रहा .......: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए उमंग उत्साह से उड़ चली आकाश को नापने पहुँच गयी ऊंचे पर्वत के पास बार बार प्रयत्न किया सफलता से दूर रही पार ना कर...
Friday, March 9, 2012
निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा
निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा: मैं तो एक दिन दुनिया से चला जाऊंगा छोड़ जाऊंगा पीछे कुछ रिश्ते कुछ पैसे , कुछ सामान मेरा मकान जिस में मैं रहता हूँ रह जायेंगी कुछ यादें कुछ...
Thursday, March 8, 2012
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी क्या है ,कोई ना जाना अब तक
निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी क्या है ,कोई ना जाना अब तक: ज़िन्दगी क्या है कोई ना जाना अब तक सबने अपने अपने अंदाज़ से देखा उसे अपनी अपनी निगाहों से पहचाना उसे किसी ने नाम दिया ज़न्नत का किसी ने द...
Nirantar's.......: We keep on postponing
Nirantar's.......: We keep on postponing: The old door of the Out house made a Creaking sound Whenever somebody Opened or closed it Always reminding To take care of it Nobody Both...
निरंतर कह रहा .......: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का
निरंतर कह रहा .......: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का रोने से किसको मिला है जो तुम को मिलेगा उठो अब खड़े हो जाओ मुंह लटकाना बंद करो हँसते हुए कमर क़स लो मे...
Nirantar's.......: A woman
Nirantar's.......: A woman: A woman Is a mother A daughter & a wife The only one to play Three roles in one life Full of love & affection Concern & compassion Patien...
निरंतर कह रहा .......: इधर रणभेरी बजी,उधर तलवारें चमकी
निरंतर कह रहा .......: इधर रणभेरी बजी,उधर तलवारें चमकी: इधर रणभेरी बजी उधर तलवारें चमकी धरती माँ की रक्षा में हर वीर की बाहें फडकी कर्तव्य की बली वेदी पर चढ़ने को हर जान तैयार खडी क्या बच्चा क्...
निरंतर कह रहा .......: घ्रणा और द्वेष कहाँ से आ जाता है
निरंतर कह रहा .......: घ्रणा और द्वेष कहाँ से आ जाता है: शहर में साम्प्रादायिक दंगों के बाद आज कर्फ्यू का तीसरा दिन था खाने को घर में दाना नहीं बेचने के लिए आढ़तिए से जो सब्जी खरीदी थी पड़े पड़े ...
निरंतर कह रहा .......: इधर रणभेरी बजी,उधर तलवारें चमकी
निरंतर कह रहा .......: इधर रणभेरी बजी,उधर तलवारें चमकी: इधर रणभेरी बजी उधर तलवारें चमकी धरती माँ की रक्षा में हर वीर की बाहें फडकी कर्तव्य की बली वेदी पर चढ़ने को हर जान तैयार खडी क्या बच्चा क्...
Wednesday, March 7, 2012
निरंतर कह रहा .......: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई
निरंतर कह रहा .......: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई हाथ उसके खाली थे ना कोई औजार ना कोई सहारा ना हथियार ना पैरों में जूते थे केवल लगन , होंसला हिम्मत उसके...
Nirantar's.......: Arrogance v/s silence
Nirantar's.......: Arrogance v/s silence: To provoke him I ridiculed him Laughed at his clothes Made a mockery of His personality Made faces at him Said nasty things To hurt his fee...
Tuesday, March 6, 2012
निरंतर कह रहा .......: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता
निरंतर कह रहा .......: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता मन और ह्रदय आहत हो जाता निराशा छाने लगती , मन भटकने लगता क्रोध अपना रूप दिखाने लगता ना कुछ कहने क...
निरंतर कह रहा .......: कौन तुम्हारा साथ देगा?
निरंतर कह रहा .......: कौन तुम्हारा साथ देगा?: तुम अनजान हो तो क्या हुआ ? जान पहचान भले ही ना बढ़ाना ना चाहो तो दुबारा ना मिलना सफ़र में थोड़ी दूर तो मेरे साथ चलो थोड़ा सा हँस बोल लो कुछ ...
निरंतर कह रहा .......: धूल का छोटा सा कण
निरंतर कह रहा .......: धूल का छोटा सा कण: धूल का छोटा सा कण मेरी आँख में क्या पडा जान का बवाल बन गया आँख को पानी से धोया रुमाल से पौंछा पर धूल का छोटा सा कण अपनी जिद पर अड़ गया बहुत ...
Monday, March 5, 2012
निरंतर कह रहा .......: कहने को छोटी सी चिड़िया थी
निरंतर कह रहा .......: कहने को छोटी सी चिड़िया थी: एक एक तिनका जोड़ कर बनाया था नीड़ उसने बहुत परिश्रम से बसने से पहले ही हवा के तेज झोंके ने कर दिया बेसहारा उसे समझ ना पायी कैसे हो गयी घर ...
Sunday, March 4, 2012
निरंतर कह रहा .......: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ
निरंतर कह रहा .......: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ शीशे में खुद को कई बार रोते हुए देख चुका हूँ मुझे अपनी व्यथा मत बताओ मैं अपनी व्यथा दुनिया को कई बार बता...
निरंतर कह रहा .......: संगत में कुछ तो सीख जाऊंगा
निरंतर कह रहा .......: संगत में कुछ तो सीख जाऊंगा: खुश हूँ कोई तो जानने लगा है मुझको ठीक से प हचानने लगा है मुझको जो भी कहता हूँ ध्यान से सुनता है चुप रहकर सर हिलाता है हाँ में हाँ ...
Saturday, March 3, 2012
निरंतर कह रहा .......: होली रंगों का त्योंहार रंग में भंग ना मिलाओ
निरंतर कह रहा .......: होली रंगों का त्योंहार रंग में भंग ना मिलाओ: होली रंगों का त्योंहार रंग में भंग ना मिलाओ ना नशा करो ना गंदे रंग लगाओ गुलाल अबीर से खेलो खूब हंसो खूब गाओ , ढोल , मजीरे , ...
निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य
निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य: तुम मुझसे सत्य सुनना चाहते मेरा सत्य जानना चाहते पर अपना सत्य बताना नहीं चाहते असत्य के आवरण में अपना सत्य छुपाना चाहते सत्य की अपेक्षा करना...
Friday, March 2, 2012
निरंतर कह रहा .......: जिसने खुद को जान लिया
निरंतर कह रहा .......: जिसने खुद को जान लिया: जिसने खुद को जान लिया इंसानियत को पहचान लिया खुदा की रज़ा को ज़िन्दगी में उतार लिया समझो खुदा के घर का रास्ता जान गया खुदा का नूर उस प...
निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में
निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में: अपेक्षाओं के समुद्र में गोता लगाना छोड़ दो जितनी गहरायी में जाओगे गंद साथ लाओगे अपेक्षाओं की थाह फिर भी कभी ना पाओगे मन की व्यथ...
Sunday, February 26, 2012
निरंतर कह रहा .......: कितना पवित्र सकता है,मन का रिश्ता
निरंतर कह रहा .......: कितना पवित्र सकता है,मन का रिश्ता: मेरे ह्रदय में कोई और है तुम्हारे ह्रदय में कोई और मेरे तुम्हारे बीच केवल मन का रिश्ता है कोई बंधन नहीं फिर भी एक अटूट करार है तुम करोगी ...
निरंतर कह रहा .......: बदलता सोच
निरंतर कह रहा .......: बदलता सोच: सर्द पानी गर्मी में शरीर को राहत देता सर्दी में हड्डियां कंपकंपाता इंसान मौसम के अनुसार काम में लेता इंसान भी पसंद नापसंद बदलता रहता जो कल...
Saturday, February 25, 2012
निरंतर कह रहा .......: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ?
निरंतर कह रहा .......: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ?: जिस पौधे में कलियाँ ना खिले वो किसे भाता ? जो कली फूल बन कर ना खिले उसे कौन चाहता ? जो फूल रूप से नहीं लुभाए वो किसे अच्छा ल...
निरंतर कह रहा .......: जब जहर पीते रहना है,घुट घुट कर जीना है
निरंतर कह रहा .......: जब जहर पीते रहना है,घुट घुट कर जीना है: जब जहर पीते रहना है घुट घुट कर जीना है कुछ करूंगा तो भी तोहमत लगेगी ना करूंगा तो भी तोहमत लगेगी हर बार गुनाहगार कहलाऊंगा खुद को ...
Friday, February 24, 2012
निरंतर कह रहा .......: छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन
निरंतर कह रहा .......: छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन: सूरज की तरह अस्त हो जाओगे एक दिन तुम उतर जाओगे शिखर से धरती पर तुम छुप जाओगे समय की गहराईओं में एक दिन क्यूं फिर इतना घमंड रखते हो बैर से ...
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13: उम्मीद लोगों से उम्मीद नहीं करता हूँ नफरत का सामान इकट्ठा करने का शौक नहीं रखता हूँ ************* खुशी की चाह खुशी की चाह रखने से पहले खुश...
निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?
निरंतर कह रहा .......: क्या और करूँ?: प्रभु कैसा ये न्याय तुम्हारा जो इतना सताते हो कब चैन दोगे मुझको ? क्या और करूँ ? तुम्हारी कृपा पाने को प्रयत्न बहुत किया सफलता फिर भी ना...
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -14
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -14: मध्यस्थ परमात्मा और इंसान के बीच पंडित मौलवी क्या उसे वाकई ज़रुरत किसी मध्यस्थ की मज़ाक लोग मज़ाक करना पसंद करते सह नहीं सकते मंजिल तक पह...
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -15
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -15: रोना हो रोना हो इंतज़ार करना हो ख्वाब देखना हो जागना हो परेशाँ रहना हो मोहब्बत कर लो इश्वर इश्वर संतुष्ट होता तो स्रष्टि की रचना नहीं करता...
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -16: जीना सोचता रहता हूँ जो मन कहता लिखता रहता हूँ निरंतर इसी तरह जीता जाता हूँ फर्क नींद खुल गयी सपना टूट गया क्या फर्क पडा वैसे भी टू...
Thursday, February 23, 2012
निरंतर कह रहा .......: चैन की मरीचिका
निरंतर कह रहा .......: चैन की मरीचिका: चैन अब मरीचिका समान हो गया है सामने दिखने लगता है आशा में दौड़ने लगता हूँ मिलने से पहले ही कोई व्यवधान बीच में आ जाता है चैन आँखों से ओझल...
निरंतर कह रहा .......: समझ नहीं आता क्या करूँ?
निरंतर कह रहा .......: समझ नहीं आता क्या करूँ?: समझ नहीं आता क्या करूँ ? कैसे मन की बात कहूं ? क्या लोक लाज को छोड़ दूं ? सीमाओं को तोड़ दूं शहर में उसे आम करूँ खुद की हँसी उड्वाऊँ या ...
Tuesday, February 21, 2012
Nirantar's.......: Do not kill your conscience
Nirantar's.......: Do not kill your conscience: What makes you think? Everybody should like you The greatest of the greats Were hated by some one They kept on Pursuing there good work Ac...
Monday, February 20, 2012
निरंतर कह रहा .......: क्या होगा ?कब होगा? कैसे होगा ?
निरंतर कह रहा .......: क्या होगा ?कब होगा? कैसे होगा ?: क्या होगा ? कब होगा ? कैसे होगा ? के चक्कर में अपने आज का सत्यानाश करते हैं हम हँसने की जगह रोते हैं हम हम कितनों को याद करते हैं जो कोई ...
Sunday, February 19, 2012
निरंतर कह रहा .......: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा
निरंतर कह रहा .......: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा: दौड़ेगा मन उधर ही जहां चैन मिलेगा भागेगा ह्रदय उधर ही जहां प्यार मिलेगा याद उसी की आयेगी जो हँस कर बोलेगा चाहेगा उसी को जो सुनेगा उसकी व्य...
निरंतर कह रहा .......: जो भी मन चाहता था उसे मिल गया था
निरंतर कह रहा .......: जो भी मन चाहता था उसे मिल गया था: बूढा शरीर अस्वस्थ पीड़ा से त्रस्त दर्द के मारे बैठा नहीं जा रहा था पर आँखों में चमक मन खुश ह्रदय गदगद था दर्द का अहसास ही नहीं था ...
Saturday, February 18, 2012
निरंतर कह रहा .......: इंसानियत का धर्म निभाता रहा
निरंतर कह रहा .......: इंसानियत का धर्म निभाता रहा: हिन्दू का लड़का पठान के कपडे पहन बाज़ार में निकल पडा मारो मारो को हल्ला सुना घबरा कर भाग पडा एक मुसलमान ने घर का दरवाज़ा खोला इशारे से उसे अ...
निरंतर कह रहा .......: कौन इन्हें समझाएं?
निरंतर कह रहा .......: कौन इन्हें समझाएं?: इन आँखों ने देखे बेहद खूबसूरत नज़ारे कल कल करते झरने रंग बिरंगे फूल , ऊंचे सुन्दर पहाड़ भाँती भाँती के जानवर नयनाभिराम पक्षी फिर भी इनकी इच्...
निरंतर कह रहा .......: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती
निरंतर कह रहा .......: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती: सफलता केवल चाहने से नहीं मिलती कर्म के साथ मेहनत भी आवश्यक होती सफलता ना मिले तो सब्र भी रखनी होती असफलता का दोष दूसरों पर डालने की प्रवत्...
Thursday, February 16, 2012
निरंतर कह रहा .......: याद रहेंगे सिर्फ कारनामे तुम्हारे
निरंतर कह रहा .......: याद रहेंगे सिर्फ कारनामे तुम्हारे: ना घमंड में चूर रहो ना ही समझो वक़्त यही रहेगा हर दम जब तक है दम में दम सोचते हो झुका दोगे आसमां को भी तुम समझते नहीं किसी को कुछ भी तु...
निरंतर कह रहा .......: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया
निरंतर कह रहा .......: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया: हमने ही रोने का कोई बहाना नहीं बनाया जी भर के अश्कों को बहने दिया क्या होता अगर सच को झुठलाते ? हमेशा की तरह कोई बहाना बनाते मन ही मन निरंत...
Monday, February 13, 2012
निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा
निरंतर कह रहा .......: चुप रह कर काम चलाऊंगा: मुझे पसंद आयी हो या नहीं आयी हो तुम्हारी हर बात का उत्तर देना आवश्यक नहीं अगर उत्तर पसंद नहीं आया तुमको पलट कर तुम भी कुछ कहोगे मुझको सिलस...
निरंतर कह रहा .......: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर,रहीम को
निरंतर कह रहा .......: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर,रहीम को: यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर , रहीम को लिखना है तो वो बात लिखो जो सब को समझ आ जाए पढ़ा नहीं साहित्य जिसने वो भी समझ जाए ऐसा लिखना पढ़ना कि...
चिंतन........निरंतर का.......: छोटा झूठ,शक ,सत्य ,मन निश्छल मन
चिंतन........निरंतर का.......: छोटा झूठ,शक ,सत्य ,मन निश्छल मन: मन निश्छल होने के पश्चात भी , एक छोटा सा सत्य , शक पैदा कर सकता है , बड़ी विपदा ला सकता है , ऐसी अवस्था में चुप रहना ही श्रेयस्कर होता , ज...
Sunday, February 12, 2012
निरंतर कह रहा .......: अच्छा हुआ जो फूल के रूप में पैदा नहीं हुआ
निरंतर कह रहा .......: अच्छा हुआ जो फूल के रूप में पैदा नहीं हुआ: बचपन से ही फूल मुझे बहुत पसंद हैं पर पहले सोचता था कितना अच्छा भाग्य होता फूलों का हर आदमी उन्हें चाहता उनकी सुगंध से मदमस्त हो जाता इश...
Saturday, February 11, 2012
निरंतर कह रहा .......: सशक्त कविता का जन्म
निरंतर कह रहा .......: सशक्त कविता का जन्म: जीवन की भट्टी में अनुभव की अग्नि में तपकर सत्य की कलम से शब्द जब आकार लेते तो सशक्त कविता का जन्म होता सच्चे मन से पढने वाले का जीवन न...
निरंतर कह रहा .......: चाहे मंदिर जाओ या मस्जिद जाओ
निरंतर कह रहा .......: चाहे मंदिर जाओ या मस्जिद जाओ: ना कर्मों की सज़ा होती ना ही कोई पुरस्कार होता केवल परिणाम होता सपनों की दुनिया से बाहर आ जाओ पुरस्कार की चाहत में कुछ ना करो...
निरंतर कह रहा .......: मन को संतुष्ट कर पाने का चैन
निरंतर कह रहा .......: मन को संतुष्ट कर पाने का चैन: कभी सोचता था संसार से जाने के बाद सब मुझे याद करें मेरे गुण गान करें इसी प्रयास में मन को जो अच्छा नहीं लगता था वह सब भी करता रहा लोगो...
"निरंतर" की कलम से.....: तुम्हें बदलना होगा ........
"निरंतर" की कलम से.....: तुम्हें बदलना होगा ........: एक दफनाई हुयी आवाज़ से कम नहीं मेरी आवाज़ कितना भी चिल्लाऊं कोई सुनता ही नहीं निरंतर आवाज़ लगाता हूँ अब तो बदल जाओ सदा इच्छा रखते हो जैसा त...
Friday, February 10, 2012
Nirantar's.......: Sorry
Nirantar's.......: Sorry: No wonder Everybody commits Silly mistakes I am no different Than others I too committed More than many did It is time now To confess In add...
Nirantar's.......: Few words
Nirantar's.......: Few words: Few words Can cause Wonder or a disaster Can make sound More than a bomb Resulting into breakdown Of the heart and mind Few words Can turn...
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13
निरंतर कह रहा .......: क्षणिकाएं -13: उम्मीद लोगों से उम्मीद नहीं करता हूँ नफरत का सामान इकट्ठा करने का शौक नहीं रखता हूँ ************* खुशी की चाह खुशी की चाह रखने से पहले खुश...
वटवृक्ष: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे
वटवृक्ष: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे: चिड़िया की उड़ान उसकी मीठी आवाज़ उसके रंग सबको दिखते हैं पर उसकी भी अपनी व्यथा है - रश्मि प्रभा ===================================...
निरंतर कह रहा .......: कली खिल ना सकी
निरंतर कह रहा .......: कली खिल ना सकी: कली खिल ना सकी नियति के आगे लाचार हो गयी प्रभु इच्छा के सामने एक ना चली फूल बन कर महकने की इच्छा पूरी नहीं हुयी सिसकते स...
Thursday, February 9, 2012
निरंतर कह रहा .......: निश्छल प्रेम
निरंतर कह रहा .......: निश्छल प्रेम: नदी का निर्मल शीतल जल समुद्र के प्रेम में मग्न अविरल बहते हुए समुद्र से मिलने चल देता कोई पथ से रोके अवरोधक बने अपने पथ से डिगता नहीं निर...
निरंतर कह रहा .......: परमात्मा से देखा ना गया
निरंतर कह रहा .......: परमात्मा से देखा ना गया: संसार में आने को बहुत मचल रहा था परमात्मा से देखा ना गया उसे संसार में अतिथी बना कर भेज दिया जाने से पहले उसे समझाया सबसे मिल कर रहना न...
Monday, February 6, 2012
Nirantar's.......: Sorry
Nirantar's.......: Sorry: No wonder Everybody commits Silly mistakes I am no different Than others I too committed More than many did It is time now To confess I...
Thursday, February 2, 2012
निरंतर कह रहा .......: तुम्हें बदलना होगा ........
निरंतर कह रहा .......: तुम्हें बदलना होगा ........: एक दफनाई हुयी आवाज़ से कम नहीं मेरी आवाज़ कितना भी चिल्लाऊं कोई सुनता ही नहीं निरंतर आवाज़ लगाता हूँ अब तो बदल जाओ सदा इच्छा रखते हो जैसा तु...
Tuesday, January 31, 2012
निरंतर कह रहा .......: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे
निरंतर कह रहा .......: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे: रंग बिरंगी चिड़िया एक दिन बोली मुझसे निरंतर खूब लिखते हो मुझ पर कभी मुझसे भी तो पूछ लो क्या लिखना है मुझ पर ? क्या सहती हूँ ? कैसे...
Tuesday, January 17, 2012
Nirantar's.......: The truth about friendship
Nirantar's.......: The truth about friendship: Trusting &sharing Listening & saying Helping each other Giving Without expecting Respecting The sentiments Of the other No greed, No h...
Nirantar's.......: Sharing
Nirantar's.......: Sharing: Sharing is Fulfilling one’s desire To be heard Make others Understand Emotions of the heart The turmoil of the mind One may be old or a...
Nirantar's.......: Love is in deeds,doesn’t exist in words
Nirantar's.......: Love is in deeds,doesn’t exist in words: Love is Togetherness Love is Missing each other Love is Caring for the other Love is Crying and laughing Together Love is Respecting Eac...
Nirantar's.......: People Talk about beauty
Nirantar's.......: People Talk about beauty: People Talk about beauty However, I am confused About which beauty They keep talking Is it the beautiful face? Which Mesmerizes them? Or...
निरंतर कह रहा .......: चेहरों पर कभी ना रीझना
निरंतर कह रहा .......: चेहरों पर कभी ना रीझना: चेहरा कभी सच नहीं बताता भेड़ की खाल में भेड़िया छुपा होता चेहरों पर कभी ना रीझना कौन चोर कौन साहूकार पता नहीं चलता निरंतर विश्वास में ही ...
Nirantar's.......: Time spares nobody
Nirantar's.......: Time spares nobody: Lying in the grave Under mound of sand He heard voices of people Crying and sobbing They had come to bury One more body Their expression of...
Nirantar's.......: Each day is same
Nirantar's.......: Each day is same: Each day is same Becomes Important With the event That happens On the fateful day Remembered By one and all Lies embedded In heart and min...
Nirantar's.......: End of the journey
Nirantar's.......: End of the journey: He was helpless Lying Unconscious On the bed His face pale Eyes closed Tubes inside the nose Supplying oxygen To Forcibly Keep him ali...
Nirantar's.......: Sharing
Nirantar's.......: Sharing: Sharing is Fulfilling one’s desire To be heard Make others Understand Emotions of the heart The turmoil of the mind One may be old or a...
निरंतर कह रहा .......: खुद का युद्ध
निरंतर कह रहा .......: खुद का युद्ध: चाहे कोई कितनी भी हमदर्दी जता दे कंधे पर हाथ रख दे साथ में आंसू बहा ले कोई काम नहीं आता खुद का दर्द खुद को ही सहना पड़ता भाग्य से खुद को ही...
निरंतर कह रहा .......: अनुभव और उम्र का रिश्ता क्या है ?
निरंतर कह रहा .......: अनुभव और उम्र का रिश्ता क्या है ?: उम्र के प्रश्न ने सदा झंझोड़ा मुझको समझ नहीं पाता क्यों उसे अनुभव से जोड़ा जाता अब तक जीवन में छोटी उम्र के बड़ों को देखा उन्हें अनुभव से स...
निरंतर कह रहा .......: वो मुझसे नाराज ,मैं उससे नाराज
निरंतर कह रहा .......: वो मुझसे नाराज ,मैं उससे नाराज: वो मुझसे नाराज मैं उससे नाराज वो मुझे माफ़ कर दें तो मैं उसे माफ़ कर दूं आपस में सुलह हो जायेगी नाराजगी आसानी से ख़त्म हो जाये...
Saturday, January 7, 2012
निरंतर कह रहा .......: सोच
निरंतर कह रहा .......: सोच: स्वछन्द आकाश में विचरण करने वाली पिंजरे में बंद कोयल अब इच्छा से कूंकती भी नहीं कूँकना भूल ना जाए इसलिए कभी कभास बेमन से कूंक लेती ना साथिय...
निरंतर कह रहा .......: लोग क्या कहेंगे ?
निरंतर कह रहा .......: लोग क्या कहेंगे ?: बड़े मन से मैंने कोट का कपड़ा पसंद किया फिर शहर के प्रसिद्द दरजी से उसे सिलवाया पहन कर यार दोस्तों के बीच पहुँच गया आशी थी सब कोट की प्रशंस...
निरंतर कह रहा .......: समाधान
निरंतर कह रहा .......: समाधान: वर्षों से शमशान में खडा बरगद का विशालकाय पेड़ आज कुछ व्यथित था मन में उठ रहे प्रश्नों से त्रस्त था विचार पीछा ही नहीं छोड़ रहे थे ...
निरंतर कह रहा .......: अब क्यों पहचानेगा कोई मुझको?
निरंतर कह रहा .......: अब क्यों पहचानेगा कोई मुझको?: अब क्यों पहचानेगा कोई मुझको सब चढ़ गए सफलता की सीढ़ियों पर सीढियां सहारा ले कर पहुँच गए इतनी ऊंचाई पर दिखता नहीं कोई उन्हें वहां से मैं जहा...
निरंतर कह रहा .......: उसूलों पर चलता हूँ
निरंतर कह रहा .......: उसूलों पर चलता हूँ: इमानदारी से जीता हूँ झूठ नहीं बोलता हूँ उसूलों पर चलता हूँ कुछ मुझे धरती से जुडा हुआ कहते एक अच्छा इंसान समझते कुछ मेरी इमानदारी पर शक करत...
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